महाराष्ट्र

रिजर्वेशन से एडमिशन मिलने पर सीनियर करते थे प्रताड़ित, मेडिकल छात्रा ने की खुदकुशी

डॉक्टर पायल का एडमिशन आरक्षित कोटे से हुआ था. इसी बात का जिक्र कर पायल के सीनियर उन्हें प्रताड़ित करते थे. छात्रा के परिवार वालों ने इस बात की शिकायत हॉस्टल वार्डन से भी की थी. वॉर्डन ने तीनों सीनियरों को बुलाकर समझाया भी था का कि इस तरह की मानसिक प्रताड़ना से बाज आएं लेकिन सीनियर माने नहीं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुदकुशी करने से पहले दिन में डॉ पायल तडवी ने दिन में सर्जरी की थी. उस वक्त डॉक्टर पायल किसी भी तरह के तनाव में नहीं दिख रही थीं. जब वे हॉस्पिटल से अपने कमरे पर लौटीं, 3 से 4 घंटे के बाद उनका शव बरामद किया गया. डॉक्टर पायल के परिवार वालों का कहना है कि सीनियर पायल का मेंटल टॉर्चर इसलिए करती थीं क्योंकि वह पिछड़ी जाति से आती थी. छात्रा ने बीते 22 मई को आत्महत्या की थी.