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पिं.चिं.म.न.पा आयुक्त श्रावण हर्डीकर का नामकरण?

पिंपरी : पिं.चिं.म.न.पा आयुक्त श्रवण हर्डीकर के प्रोटोकॉल तोडने के विरोध में यह अनोखा आंदोलन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बताया आयुक्त को भाजपा का प्रवक्ता,आज आयुक्त कार्यालय को भाजपा पक्ष कार्यालय का शुभ नाम दिया गया है । इस समय उपस्थित थे नगरसेवक मयुर कलाटे,राहुल भोसले ,जावेद शेख, विक्रांत लांडे, पंकज भालेकर ,विनोद नढे ,राजु बनसोडे ,प्रद्या खानोलकर .

नामकरण की सुरुवात कुछ इस तरह से हुई;

……. पिंपरी चिंचवड मनपा के आयुक्त श्रावण हर्डीकर सरकारी प्रोटोकॉल को तोडते हुए पुणे के पालकमंत्री से मिलने भाजपा कार्यालय में पधारे. भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी. जिसको पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल मार्गदर्शन कर रहे थे. उसी समय आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त का भाजपा कार्यालय में प्रवेश होता है और पालक मंत्री से मिलकर थोडी देर में वापस चलें जाते है. बैठक में विधायक लक्ष्मण जगताप, महेश लांडगे, महापौर राहुल जाधव, सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार, प्राधिकरण के सभापति सदाशिव खाडे, स्थायी समिति सभापति विलास मडेगिरी, भाजपा नगरसेवक, पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.
राकांपा के नेता अजितदादा पवार ने आज तक आयुक्त हर्डीकर पर आरोप लगा रहे थे कि ये भाजपा के एजंट के रुप में काम कर रहे है. शिवसेना के पदाधिकारियों ने भी आयुक्त को भाजपा कार्यकर्ता की उपाधि दी थी. इनके आरोप पर आज मुहर लग गई. इस बारे में आयुक्त का कहना है कि वो पालकमंत्री को शुभेच्छा देने के लिए गए थे. आप को बताते चलें कि 10 दिन पूर्व शहर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दानवे आए थे. उस कार्यक्रम में भीड जुटाने के लिए 500 रुपये देकर महिलाओं को बुलाया गया था जिसकी फोटो व वीडियो खूब वायरल हुई थी. इस कार्यक्रम में भी कई पालिका कर्मचारी दिखाई दिए थे.
प्रोटोकॉल के अनुसार आयुक्त अपने कार्यालय या सरकारी कार्यक्रम में किसी मंत्री या राजनेता से मिल सकते है. किसी राजनीतिक पार्टी कार्यालय में जाकर मिलना नियमों का उल्लघंन है.कांग्रेस- राकांपा की सरकार के समय पुणे के पालकमंत्री अजितदादा पवार से मिलने के लिए पालिका का कोई भी आयुक्त राष्ट्रवादी कार्यालय में नहीं गया. कार्यालय के बाहर, गेट पर अवश्य मिला होगा. आज तो आयुक्त हर्डीकर ने इतिहास रचते हुए सारी हदें पार कर दी. भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की मीटिंग चल रही थी उसी समय उनकी एन्ट्री होती है. कुछ पल तो ऐसा लगा कि आयुक्त क्या भाजपाई हो गए? भाजपा में क्या प्रवेश करने आए है? मगर जाते समय बोले कि पहली बार पालकमंत्री बनने के बाद चंद्रकांत दादा पाटिल शहर में आए थे. उनको शुभेच्छा देने के लिए आया हूं.
अजितदादा को जेल में कब डालोगे ? के सवाल पर चंद्रकांत दादा ने कहा कि मैं भविष्यवाणी कर्ता नहीं हूं. कोर्ट में केस चल रहा कानून अपना काम करेगा. भाजपा शिवसेना गठबंधन में 50-50 फॉर्मूले पर वोले कि कुछ सीटें अदला बदली व कम ज्यादा हो सकती है.

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